उपेन्द्र ने मैट्रिक की परीक्षा अच्छे नम्बरों से पास कर ली। उसने पहले ही सोच रखा था कि अगर मैट्रिक में उसके विज्ञान में अच्छे नम्बर आए, तो वह इन्टरमीडिएट में विज्ञान लेकर पढ़ाई करेगा। यद्यपि विज्ञान कभी भी उसका प्रिय विषय नहीं रहा, लेकिन उसने और उसके माता-पिता ने एक गलत धारणा मन में पाल ली थी कि अच्छे कैरियर के लिए विज्ञान लेना जरूरी है। उसने Isc में Admission ले लिया, शुरू-शुरू में उत्साह के कारण उसे उसका निर्णय सही लगा। लेकिन सही Guidelines नहीं मिलने के कारण चीजें उलझती चली गई। और खुद को वह पढ़ाई में आने वाली परेशानियों को दूर करने में सक्षम नहीं पाने लगा। पैसों के अभाव के कारण उसे गाँव में रहकर पढ़ाई करनी पड़ रही थी। नतीजा यह हुआ कि Isc First year में वह ज्यादातर विषयों में किसी तरह पास हुआ। Isc Second Year में उसे आगे पास होने की कोई उम्मीद नजर नहीं आने लगी। उसने कई लोगों से मदद मांगी, लेकिन उसे हर जगह से निराशा मिली। उपेन्द्र Isc के final exam में तीन विषयों में Fail हो गया। वह depression में चला गया, अगले साल किसी तरह से उसने Isc की परीक्षा उत्तीर्ण की। उपेन्द्र ने तब जाकर राहत की साँस ली, और यह बात समझ गया कि अपने पसंद की विषय में हीं आसानी से कैरियर बनाया जा सकता है. उपेन्द्र जान गया था कि अपनी रूचि से अलग विषय लेकर तो पास होना भी मुश्किल हो जाता है, तो उस विषय पर आधारित कैरियर बनाना तो लगभग नामुमकिन हीं साबित होगा.
MSG OF STORY ( कहानी का संदेश ) –पढ़ाई के लिए उसी विषय को चुनिए, जो आपको आसान लगे.किसी और की देखादेखी विषय या कैरियर कभी नहीं चुनना चाहिए.अपनी रूचि और क्षमता के अनुसार हीं किसी भी चीज का चुनाव करना चाहिए.अच्छे कैरियर का मौका हर विषय में होता है, लेकिन आपको यह समझना होगा कि आप अपनी रूचि का विषय चुनकर हीं सफल हो सकते हैं.अपनी क्षमता से कठिन विषय या कैरियर चुनना केवल मूर्खता है.हर कोई डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बन सकता है, हर काम अपने जगह पर महत्वपूर्ण होता है.
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